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'जब कॉलेज में लिया एडमिशन तो क्यों जाएं स्कूल?', RJD, JDU, BJP दफ्तर के पास पटना में बवाल


संवाद 


राजधानी पटना स्थित वीर चंद पटेल पथ पर 11वीं के छात्रों ने गुरुवार (21 मार्च) को प्रदर्शन किया. धरने पर बैठ गई. इसके चलते ट्रैफिक जाम लग गया है. प्रदर्शन स्थल के पास में ही बीजेपी और जेडीयू के साथ आरजेडी का दफ्तर है. छात्रों का इल्जाम है कि पुलिस ने उन पर लाठी भी चलाई है. प्रदर्शन करने वालों में छात्राएं भी सम्मिलित थीं.एक छात्रा सोनम ने बोला कि, "हमें बोला गया है कि हम अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई यूनिवर्सिटी में नहीं बल्कि स्कूलों में जारी रखें. हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हमारा एक शैक्षणिक वर्ष बर्बाद हो जाएगा. उन छात्रों के लिए नया नियम लागू करना चाहिए जो चाहते हैं कक्षा 10वीं की परीक्षा देने के बाद अब इसका लाभ उठाएं. जब हमने पहले ही प्रवेश ले लिया है तो यह हम पर क्यों लागू होना चाहिए?..."बताया जाता है कि बवाल करने वाले छात्र पिछले चार-पांच दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. 

सड़क से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक का घेराव कर चुके हैं. 

आज गुरुवार को हंगामे के क्रम में कुछ छात्रों को पुलिस ने पकड़ लिया जिसके बाद कुछ छात्राएं सड़क पर ही बैठ गईं. छात्रों का बोलना था कि 11वीं की पढ़ाई वे कॉलेज में कर चुके हैं. 12वीं में एडमिशन ले चुके हैं. पैसे दे चुके हैं. छात्रों ने प्रदर्शन के क्रम में सरकार के विरुद्ध जमकर नारे लगाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरुद्ध नारेबाजी की.बता दें कि सरकार ने फैसला लिया है कि बिहार में इंटर की पढ़ाई अब केवल इंटरस्तरीय स्कूलों में ही होगी. पहले प्लस टू तक की पढ़ाई कॉलेजों में भी होती थी. अब यह बंद कर दी गई है. ऐसे में कॉलेज में 11वीं की पढ़ाई कर चुके छात्रों को 12वीं की पढ़ाई के लिए वापस स्कूल लौटना होगा. ऐसे में वो छात्र जो एडमिशन ले चुके हैं उन्होंने प्रदर्शन किया.बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को आश्वासन दिया है. बोला है कि उनकी जो मांग है उस पर विचार किया जाएगा, लेकिन जो नए वर्ष में छात्र-छात्राएं एडमिशन लेंगे उन पर किसी तरह का विचार नहीं किया जाएगा.
सड़कों पर विरोध जता रहे विद्यार्थियों के मसले पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बोला कि मामला मेरे संज्ञान में आया है. मैंने तो अभी हाल में ज्वाइन किया है. इस मामले को हम देख लेते हैं. जो उचित होगा वह किया जाएगा. जो फैसला सरकार ने पहले लिया है उसे देख लेने दीजिए.

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