आरजेडी अब कांग्रेस को आठ सीटें देने के लिए तैयार है. पहले वे कांग्रेस को 7 सीटें दी रही थी, हालांकि अभी भी कांग्रेस कम से कम 9 सीटों पर जोर दे रही है. सूत्रों का बोलना है कि शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत में इसका समाधान हो जाएगा और सीट शेयरिंग समझौते की घोषणा जल्द होने का अनुमान है. बता दें कि बिहार में महागठबंधन से जेडीयू के बाहर निकल जाने के बाद सहयोगी दलों में लोकसभा चुनाव के लिए सीटों की अपेक्षाएं बढ़ गई हैं, जिस वजह से उनकी मांग भी बढ़ी हैं. कांग्रेस ने सीटों की अपनी मांग बढ़ा दी है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह कई बार बोल चुके हैं कि महागठबंधन में कांग्रेस को 10 सीट मिलनी चाहिए. हालांकि उन्होंने यह भी बोला है कि पिछले चुनाव में जितनी सीट कांग्रेस को मिली थी उससे कम तो कांग्रेस को नहीं मिलनी चाहिए.
इस संबंध में निरंतर बातें भी चल रही हैं.
वहीं, कांग्रेस के एक नेता का बोलना है कि स्वाभाविक है कि जेडीयू महागठबंधन से बाहर हो गई है तो सहयोगियों में हिस्सेदारी भी बढ़ेगी.वहीं, बिहार की सीटों को लेकर एनडीए में बंटवारा हो गया है. एनडीए के सीट बंटवारे में बीजेपी 17, जेडीयू 16, एलजेपी आर 5, जीतन राम मांझी की पार्टी एक और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी 1 सीट पर चुनाव लड़ेगी. बता दें कि पिछले महीने जेडीयू पाला बदलते हुए एनडीए में सम्मिलित हो गई. पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में से एनडीए ने 39 सीटों पर कब्जा जमाया था. महागठबंधन में सम्मिलित कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर विजय मिली थी, जबकि आरजेडी का खाता भी नहीं खुला था.