आज पहले दिन छठ व्रती पूरी शुद्धता के साथ कद्दू-भात से नहाय-खाय करेंगे. शनिवार को खरना होगा जिसमें छठ व्रती पूरे दिन उपवास रखकर शाम में खीर और रोटी से खरना करेंगे. इसके बाद 36 घंटे तक निर्जला उपवास प्रारंभ हो जाएगा. पहले दिन नहाय-खाय पर सुबह-सुबह पटना के घाटों पर छठ व्रतियों की भीड़ उमड़ी. लोग गंगा स्नान कर जल भरकर घर ले गए.छठ में कोई गलती ना हो और शुद्धता में कोई कमी ना हो इसका पूरा ख्याल रखा जाता है.
पूरे वर्ष में छठ दो बार मनाया जाता है.
दूसरा छठ हिंदी महीने के कार्तिक माह में अक्टूबर-नवंबर महीने में होता है, लेकिन चैती छठ भी काफी व्रती करते हैं. ऐसी मान्यता है कि चैत्र महीना हिंदी महीना का शुरुआती महीना है इसलिए इसका खास महत्व माना जाता है. छठ में घर के सदस्य के अलावा आसपास के लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. घाटों पर और रास्तों में सफाई भी करते हैं.जल संसाधन विभाग ने राजधानी पटना में चैती छठ को लेकर पटना सिटी के दीदारगंज से दानापुर तक के बीच लगभग 108 घाटों का मुआयना किया. इसमें खतरनाक घाटों के कुछ नाम बताए गए हैं. वहां जाने से मना किया गया है. लिस्ट के अनुसार 5 घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है. इन घाटों का उपयोग प्रतिबंधित है. आम जनता से विनती किया गया है कि इन घाटों की तरफ न जाएं. खतरनाक घाटों में हल्दी छपरा घाट, जनार्दन घाट, कोयला घाट, लोहरवा घाट और सीता घाट सम्मिलित है.