कांग्रेस के लिए तुष्टिकरण का एजेंडा हमेशा रहा है.
2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बोला था कि देश की संपत्ति और संसाधन पर पहला अधिकार अल्पसंख्यक यानी मुसलमानों का है. यही नहीं उसी दौर में सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में बोला गया था कि दलितों से बुरी हालत अल्पसंख्यकों की है. रंगनाथ कमीशन की रिपोर्ट में यहां तक बोला गया था कि सरकारी नौकरियों में 15 प्रतिशत आरक्षण उनके लिए किया जाए. ऐसी स्थिति में कांग्रेस से प्रश्न है कि क्या ओबीसी कोटे से काटकर यह आरक्षण दिया जाएगा.बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री ने बोला कि संपत्ति का सर्वे कराकर जनसंख्या के आधार पर बांटने की बात होगी. कांग्रेस क्या बाबा साहब के संविधान के साथ छेड़छाड़ करेगी? उन्होंने तेजस्वी यादव से प्रश्न किया कि क्या वे भी कांग्रेस की तरह ओबीसी कोटे से काटकर अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने के पक्ष में हैं. क्या तेजस्वी यादव एनआरसी का भी विरोध करते हैं? सीमांचल में जो आज हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं, उनकी संपत्ति का सर्वे कराकर क्या तेजस्वी भी मुसलमानों के बीच वितरित करवाने के कांग्रेस के एजेंडे के साथ हैं? भाजपा कभी भी सीमांचल में 'ममता मॉडल' लागू नहीं होने देगी.