परिवार के लोगों को राजनीति में लाने को लेकर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की तुलना पहले भी हो चुकी है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए में आने से पहले 24 फरवरी को कर्पूरी जयंती के मौके पर भरे मंच से बोला था कि कर्पूरी जी कभी भी परिवार को सपोर्ट नहीं किये थे, वह परिवारवाद के विरुद्ध चलते थे. हमने भी कभी राजनीति में परिवार को सपोर्ट नहीं किया है. अपने परिवार के लोगों को कभी राजनीति में नहीं लाया है. कुछ लोग तो परिवार को ही आगे बढ़ाने में लगे रहते हैं.
अब चुनाव के समय में संजय झा ने इस तरह का बयान देकर एक बार फिर लालू परिवार की राजनीति पर हवा तेज कर दी है.वहीं, मुकेश सहनी महागठबंधन में आने पर जेडीयू नेता ने बोला कि इससे एनडीए का कोई नुकसान नहीं होगा. हमलोग का चुनाव प्रचार चल रहा है. 40 की 40 सीट हम लोग जीतेंगे, जो माहौल देश का है कि किसको प्रधानमंत्री बनना है? कौन सी सरकार बनानी है? यह बिहार के लोग जानते हैं. आरजेडी में पूरी तरह उम्मीदवारों के अनाउंस नहीं होने पर उन्होंने बोला कि मैं एनडीए की बात कर सकता हूं. एनडीए मेंअच्छी तरह से प्रचार चल रहा है. प्रधानमंत्री का भी प्रोग्राम हुआ है. नीतीश जी का भी प्रोग्राम हुआ है आगे भी मुख्यमंत्री जी का प्रचार चलेगा.
नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाने और बिहार में नीतीश कुमार के कार्य को लोग देख रहे हैं. बिहार में सामने में कोई भी कांटेस्ट नहीं दिखेगा.