बांका में जेडीयू के गिरधारी यादव का मुकाबला आरजेडी के जय प्रकाश यादव से होगा. 2009 से जयप्रकाश यादव लगातार यहां खड़े हो रहे हैं, लेकिन उन्हें जीत साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली. तब उन्होंने बीजेपी की पुतुल कुमारी को करीब 10 हजार वोटों से हराया था. 2019 के लोकसभा में जेडीयू के गिरधारी यादव से ही जय प्रकाश यादव को हार का सामना करना पड़ा था.
इस बार भी यहां कांटे की टक्कर होने के आसार हैं.
कटिहार में जेडीयू के दुलाल चंद गोस्वामी और कांग्रेस के तारिक अनवर आमने-सामने हैं. दुलाल गोस्वामी वर्तमान सांसद हैं. तारिक अनवर भी इसी सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं. पिछली बार दुलाल चंद के हाथों पराजय मिली थी इस बार फिर किस्मत अजमा रहे हैं. यहां का चुनावी मुकाबला भी काफी रोचक है. इसके अलावा कटिहार सीट पर बहुजन समाज पार्टी भारत जोड़ो जनता पार्टी, पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया और राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी के उम्मीदवार भी मैदान में हैं.
पूर्णिया और किशनगंज में त्रिकोणीय मुकाबला है. पूर्णिया में जेडीयू के संतोष कुशवाहा और आरजेडी की बीमा भारती के साथ पप्पू यादव की टक्कर है. पप्पू यादव निर्दलीय लड़ रहे हैं, जबकि आरजेडी पहली बार इस सीट पर जेडीयू से आई बीमा भारती को आगे करके मैदान में डटा है. भागलपुर की रैली से राहुल गांधी ने बीमा भारती के लिए वोट देने की विनती भी की है. पूर्णिया सीट पप्पू यादव और आरजेडी के बीच नाराजगी के वजह से काफी चर्चा में हैं. यहां उम्मीदवारों की नाक का प्रश्न है. यही कारण है कि तेजस्वी यादव इस सीट पर जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं.किशनगंज में कांग्रेस के मोहम्मद जावेद का मुकाबला जेडीयू मुजाहिद आलम और एआईएमआईएम उम्मीदवार अख्तरुल ईमान से है. यहां भी त्रिकोणीय मुकाबला है. यहां एआईएमआईएम के प्रत्याशी अख्तरुल ईमान भी मैदान में हैं, जिनके लिए सांसद असद्दुदीन ओवैसी खूब जमकर रैली कर रहे हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मोहम्मद जावेद को यहां जीत मिली थी जबकि एआईएमआईएम के अख्तरुल ईमान हार गए थे. इस बार उन्होंने जीत का दावा किया है, क्योंकि इससे पहले विधानसभा में एआईएमआईएम बिहार की 5 सीटें जीत चुकी है और उसे लोकसभा में भी जनता से पूरी आशा है.