सीमांचल के लिए उन्होंने अपना सब कुछ कुर्बान किया.
यहां की आवाज उठाते रहे हैं. 26 को वोटिंग है. उनके पक्ष में वोट करिए.आगे ओवैसी ने बोला कि अररिया से तस्लीमुद्दीन के बेटे शाहनवाज आलम आरजेडी से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने हमको फोन किया था कि कोई टिकट नहीं दे रहा मुझे, आप दीजिए. मैंने टिकट दिया. उसको जिताने के लिए हमने ताकत लगा दी. वह जीते भी, लेकिन आरजेडी में चले गए. मरहूम तस्लीमुद्दीन का हम सम्मान करते हैं इसलिए उनके बेटे के विरुद्ध अररिया में हम उम्मीदवार नहीं दे रहे हैं. किशनगंज में बिजली, पानी नहीं है. डिग्री कॉलेज कई जगह नहीं है. अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं. सीमांचल का ख्याल न आरजेडी की सरकार ने रखा न नीतीश की सरकार ने.असदुद्दीन ओवैसी ने सभा में आए लोगों से बोला कि किशनगंज से आपने कांग्रेस के मोहम्मद जावेद को सांसद बनाकर दिल्ली भेजा था. उन्होंने किशनगंज के लिए कुछ नहीं किया. यहां के सांसद बोलते हैं कि डेढ़ लाख किलोमीटर वह पिछले पांच वर्ष में चले हैं. झूठ बोल रहे हैं. वह तो क्षेत्र में नजर नहीं आते. जब तक संवैधानिक दर्जा नहीं मिलेगा सीमांचल को तब तक विकास नहीं होगा. बिहार में जातीय गणना हुई. मुस्लिम 17 फीसद हैं. सबसे कम नौकरी मुस्लिमों को मिली. ब्राह्मण और यादवों को काफी ज्यादा नौकरियां मिलीं, जबकि उनकी आबादी मुसलमानों से कम है. मुस्लिमों के साथ ऐसा क्यों किया गया? तेजस्वी, नीतीश और मोदी जवाब दें.बता दें कि सीमांचल के तीन जिले किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार में 26 अप्रैल को वोटिंग है. दूसरे चरण में किशनगंज में सिर्फ एआईएमआईएम लड़ रही है. त्रिकोणीय मुकाबला है. एनडीए से जेडीयू के प्रत्याशी मास्टर मुजाहिद आलम हैं. महागठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद जावेद हैं जो मौजूदा सांसद भी हैं.