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मुन्ना शुक्ला के विरुद्ध थाने पहुंचा मामला, लोकसभा चुनाव से पहले बढ़ सकती हैं परेशानियां


संवाद 


बिहार में लोकसभा चुनाव के बीच बयानबाजी से भी सियासत गरमाई हुई है. एक ओर टिकट बंटवारे को लेकर खलबली तो दूसरी तरफ अलग-अलग पार्टियों के नेता कुछ से कुछ कह रहे हैं. अब चर्चा में मुन्ना शुक्ला (Munna Shukla) हैं. उन्होंने ऐसा बयान दिया है कि मामला थाने तक पहुंच गया है. बीते रविवार (31 मार्च) को एससी-एसटी थाने में उनके विरुद्ध शिकायत की गई है. शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच-पड़ताल में जुट गई है.दरअसल मुन्ना शुक्ला पटना में स्थित राबड़ी आवास में लालू यादव और तेजस्वी यादव से मिलने के लिए शनिवार (30 मार्च) को पहुंचे थे. वह वैशाली से आरजेडी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. इसी क्रम में मुन्ना शुक्ला से पत्रकारों ने प्रश्न पूछा कि भूमिहारों के वोट की बात हो रही है. 

सवाल बीच में ही काटते हुए मुन्ना शुक्ला ने विवादित बयान दे दिया. 

बोला, "हम भूमिहार हैं, चमार थोड़े हैं". बाहुबली मुन्ना शुक्ला के इस बयान पर हंगामा हो रहा है. इसी बयान के बाद मामला थाना पहुंचा है. मुन्ना शुक्ला ने यह भी बोला कि वह वैशाली की जनता से बोल रहे हैं कि टिकट का कुछ औपचारिकता पूरी करके आ रहे हैं. 2004 से आप लोगों (जनता) की सेवा कर रहे हैं. आगे भी करेंगे. गौरतलब है कि वैशाली सीट आरजेडी के खाते में गई है.बता दें कि मुन्ना शुक्ला के बयान से आहत होकर पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता अमर आजाद ने एफआईआर करने के लिए एससी-एसटी थाने में लिखित आवेदन दिया है. आवेदन में उन्होंने लिखा है, "मुन्ना शुक्ला ने अनुसूचित जाति के चमार/रविदास सहित अनुसूचित जाति के सभी लोगों को जातिसूचक शब्द चमार बोलकर गाली दी है. मुन्ना शुक्ला ने भेदभाव की भावना से बोला है जबकि लोकसभा चुनाव के वजह से पूरे देश में आचार संहिता लागू है. उनके विरुद्ध एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए."अब इस आवेदन के आधार पर पुलिस की जांच के बाद मुन्ना शुक्ला की परेशानियां बढ़ सकती हैं. उनके इस बयान पर राजनीति गरमा गई है. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद मुन्ना शुक्ला ने माफी मांगी है. बोला है कि वह किसी जाति विशेष को दुख नहीं पहुंचाना चाहते थे. सभी वर्गों का सम्मान करते हैं.

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