प्रशांत किशोर ने बोला कि राहुल गांधी ने 10 वर्ष में प्रयास किए.
तीन चुनाव लड़े लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली. राहुल गांधी को इसमें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए यह सोचने समझने में कि अगर कांग्रेस मुझसे नहीं चल पा रही है तो किसी और के हाथ में दे दी जाए ताकि वो एक नए प्रयास कर कांग्रेस को चला सके. राहुल गांधी के साथ दिक्कत ये है कि वो कर भी नहीं पा रहे हैं न ही किसी के लिए छोड़ना चाह रहे हैं.
चुनावी रणनीतिकार ने बोला कि राहुल गांधी को सबकुछ पता है, उन्हें ऐसा लगता है. राहुल गांधी को किसी की सलाह की सहायता की आवश्यकता नहीं है. राहुल गांधी ने कभी जाहिर ही नहीं किया है कि उन्हें सहायता की आवश्यकता है तब तक उन्हें कोई सहायता तो कर नहीं सकता. इस दुनिया में लीडरशिप की सबसे बड़ी खूबी है कि उसे पता होना चाहिए कि उसकी सबसे बड़ी कमजोरी क्या है और उसके पास क्या नहीं है. राहुल गांधी के साथ यही दिक्कत है कि उन्हें लगता है कि उन्हें सब पता है.