मनीष कश्यप ने जनता के सरोकार को उठाया है.
हमेशा मोदी जी समर्थन में बात की, लेकिन कुछ दलों ने उनको बहुत दुख दिया. इनका हमेशा बीजेपी ने साथ दिया है. वहीं, मनीष कश्यप ने बोला कि 'मैं जेल में था तो मेरी मां लड़ रही थीं'. मेरी मां को पता है किसने किसने साथ दिया है. मां ने बोला कि मनोज भैया की बात नहीं काटनी है'यूट्यूबर मनीष कश्यप पश्चिम चंपारण के मझौलिया प्रखंड के महनवा डुमरी गांव के रहने वाले हैं. वो भूमिहार जाति से आते हैं. मनीष कश्यप शुरुआती दौर में हिन्दू संगठन से जुड़े थे. फिर बाद में छात्र संगठन से जुड़ गए. छात्र संगठन में रहते हुए कई मामले में उनके ऊपर प्राथमिकी भी दर्ज हुई. मनीष कश्यप सतवारिया कॉलेज में एक प्रोफेसर के घर पर छात्रों के साथ मिल कर आक्रमण बोल दिया था. उस मामले में एफआईआर हुई थी. उस वक्त जेल भी गए थे. जेल में रहते हुए मनीष कश्यप ने 2019 के लोकसभा चुनाव में नॉमिनेशन भी किया था, लेकिन किसी वजह से उनका नॉमिनेशन रद्द कर दिया गया. इसके बाद 2020 के बिहार विधानसभा के चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़े. जिसमें उन्हें करारी हार मिली थी. मनीष के ऊपर बेतिया में दर्जनों मामले दर्ज हैं. मनीष कश्यप 'सच तक' (पहले का नाम) नाम से एक यूट्यूब न्यूज़ चैनल भी चला रहे थे. इसी क्रम में तामिलनाडु में कथित तौर पर मजदूरों का फर्जी वीडियो वायरल मामले में एनएसए लगा. इस मामले को लेकर वो काफी सुर्खियों में भी रहे.इस मामले में मनीष कश्यप तमिलनाडु के मदुरै जेल में रहे. फिलहाल बेल पर बाहर हैं. बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में वह पश्चिमी चंपारण लोक सभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव प्रचार प्रचार में जुटे हुए थे.