घटना के बाद स्थानीय लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया था जहां उसकी मृत्यु हो गई.
मृतक राजा साह के पिता शंकर साह का 2011 में ही देहांत हो गया था. पूरे परिवार की जिम्मेदारी राजा साह और उसके बड़े भाई मिथुन पर ही थी. बड़ा भाई गांव में रहकर ही मजदूरी करता है. घर के लोगों ने बताया कि राजा 10-12 वर्ष पहले अपने साढ़ू के साथ जम्मू-कश्मीर रोजी-रोजगार के लिए गया था. वह वर्तमान में अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ अनंतनाग के जबलीपोरा में रहकर पकोड़े की रेहड़ी चलाकर परिवार का भरण पोषण करता था.घटना के बाद राजा साह की मां नीरा और पत्नी सुमन देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. तीन मासूम बेटे अंकुश, विशु और छोटू हैं जिन्हें पता नहीं है कि क्या हुआ है. बड़े बेटे की उम्र 8 साल, मंझले की 5 और छोटे वाले की उम्र करीब 2 वर्ष है. भाई मिथुन साह और भाभी सोनी देवी भी शोक में हैं. घर वालों ने बताया कि उन्हें गोली लगने की जानकारी बुधवार की रात्रि करीब 9 बजे मिली.घटना की जानकारी के बाद नवादा-खरौनी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि दयाशंकर सिंह समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पीड़ित परिवार वालों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की. सरकारी मुआवजा आदि दिलाने का भरोसा दिलाया.