वे पैक्स सह जन वितरण दुकान के संचालक हैं.
दरअसल, डीएम के इस निरीक्षण का मतलब था कि उपभोक्ताओं को वक्त पर और निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न मिलता है या नहीं. गरीबों को उनका हक मिले इसलिए डीएम रिची पांडेय अचानक जांच-पड़ताल करने पहुंचे. डीएम ने डीलर से खाद्यान्न वितरण की स्थिति की खबर ली. खाद्यान्न का भौतिक सत्यापन भी किया.इस दौरान कार्ड धारक एवं कुल लाभुकों की संख्या के बारे में पूछा. डीलर से गेहूं और चावल का उठाव, पिछले महीने का अवशेष, माप-तौल का लाइसेंस इत्यादि की जानकारी प्राप्त की. डीएम पांडेय ने डीलर के गोदाम में उपलब्ध खाद्यान्न के बोरों की गिनती भी कराई. जांच के बाद उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत कर बाकी जानकारी ली.डीएम ने बीडीओ को आदेश दिया कि एमओ के माध्यम से उक्त दुकान की जांच एवं लाइसेंस का सत्यापन करें. साथ ही बोला कि आम जन को खाद्यान्न की उपलब्धता की दिशा में किसी भी स्तर से लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी. इस बारे में किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर उसे गंभीरता से लिया जाएगा.