भवन निर्माण के नियमों को अनदेखी की गई है
और इस बिल्डिंग का व्यवसायिक रूप में प्रयोग किया जा रहा था. सुरक्षा एवं फायर के नियमों की भी अनदेखी की गई है. इस वजह से आग लगने के बाद भवन के भीतर लोग फंसे रह गए.अंचलाधिकारी का बोलना है कि अगर भवन से बाहर निकलने का वैकल्पिक रास्ता होता तो इतने लोग नहीं फंसते. ना तो झुलसते और ना ही उनकी मौत होती. पाल होटल के सबसे निचले तल्ले में जहां से एंट्री होती है वहीं रसोई है. रसोई में ही फ्रीज एवं एएसी के आउटलेट्स लगे हुए हैं. वहीं पास में ही रसोईया खाना बना रहा था. रसोईया की लापरवाही और होटल मालिक की अव्यवस्था के वजह से आग लगी है. आग पर तत्काल नियंत्रण नहीं किया गया और न ही होटल में आग बुझाने का कोई प्रबंध था.पटना सिटी एसपी चंद्रप्रकाश ने शुक्रवार को बताया कि अभी तक अपडेट यही है कि और किसी की मृत्यु नहीं हुई है. कुल छह लोगों की मृत्यु हुई है. 19 लोग पीएमसीएच में भर्ती हुए थे. इनमें से 13 लोग अभी पीएमसीएच में भर्ती हैं. उन्होंने बताया कि कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है. हम लोग जांच प्रक्रिया में लगे हुए हैं. जांच प्रक्रिया के बाद गिरफ्तारी हो सकती है.इस अगलगी की घटना के बाद गुरुवार की शाम ही पटना के जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक पीएमसीएच पहुंचे थे. जख्मियों से मिले थे. पीएमसीएच के अधीक्षक को आदेश दिया कि घायलों पर खास ध्यान दिया जाए. डीएम ने जिला अग्निशमन पदाधिकारी को पाल होटल में हुए अग्निकांड की जांच-पड़ताल कर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.