कुख्यात कुणाल सिंह का आपराधिक इतिहास रहा है.
2017 में मोतिहारी की पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
इसके बाद जमानत पर न्यायालय से बाहर निकले के बाद वह फरार चल रहा था. मोतिहारी के तत्कालीन एसपी उपेंद्र शर्मा के नेतृत्व में पुलिस छापेमारी करने गई थी तो कुणाल सिंह गैंग के साथ मुठभेड़ हुई थी. उस मामले में दो दोषियों के साथ एक भैंस को गोली लगी थी. कुणाल सिंह अंधेरे का लाभ उठाते हुए फरार हो गया था. उस पर पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण जिले के कई थानों में कुल 17 कत्ल, रंगदारी, उत्पाद विभाग की टीम पर जानलेवा आक्रमण जैसे मामले दर्ज हैं. कुख्यात कुणाल सिंह पीपराकोठी थाना क्षेत्र के कुड़िया बंगारी गांव निवासी अशर्फी सिंह का पुत्र है. जिले के टॉप कुख्यात लिस्ट में उसका नाम है.जिले के हरपुर नाग मुखिया के पति बीरेंद्र ठाकुर की कत्ल के बाद कुणाल सिंह का नाम कुख्यात के रूप में जिले भर में हो गया. रक्सौल के एक निजी स्कूल पर दिनदहाड़े एके 47 से अंधाधुंध फायरिंग कर दहशत मचा चुका है. वहीं बेतिया कोर्ट में कुख्यात बबलू दुबे की कोर्ट में पेशी के क्रम में गोली मारकर कत्ल कर चुका है.
एक बार पुलिस कुख्यात कुणाल सिंह के गांव गई. उस दौरान उत्पाद विभाग की पुलिस टीम पर कई राउंड गोली चलाकर आक्रमण बोल दिया था. कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे. इसके बाद पुलिस अधीक्षक के साथ एक टीम बनाई गई. कुणाल सिंह के घर की घेराबंदी कर छापेमारी की गई तो उसके घर से एके 47 मिला था. 25 राउंड गोली के साथ मैगजीन और 9 एमएम विदेशी पिस्टल, 9 एमएम की दो मैगजीन के साथ 20 राउंड जिंदा कारतूस और वॉकी-टॉकी बरामद किया गया था. घर से एक बुलेट बाइक पुलिस ने जब्त की थी.मोतिहारी कोर्ट की तरफ से कुख्यात कुणाल सिंह को आधा दर्जन आपराधिक और आर्म्स एक्ट मामले में आरोपी करार देते हुए सजा सुनाई गई है. तीन अलग-अलग मामले में सजा हुई है. एक केस में पांच वर्ष, दूसरे में सात वर्ष और एके 47 बरामदगी मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई.