विभाग के इस निर्देश से टोला सेवकों और तालीमी मरकज में तहलका मच गया है.
जारी निर्देश में डीईओ ने बताया है कि कमजोर और अभिवंचित वर्ग के बच्चों को विद्यालय लाने एवं नामांकन कराने के लिए ही टोला सेवकों की प्रतिनियुक्ति की गई है. इनकी तरफ से बेहतर ढंग से कार्य नहीं किया जा रहा है जिसको लेकर निदेशालय स्तर से क्षोभ प्रकट किया गया है. अब टोला सेवक नामांकन वृद्धि को लेकर कार्य करें और छात्रों के शत प्रतिशत उपस्थिति को सुनिश्चित करें नहीं तो कार्रवाई की जाएगी.बता दें कि निरंतर शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग काम कर रहा है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक सारे कामों पर खुद नजर रखते हैं. शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सह अपर सचिव ने बीते मंगलवार (30 अप्रैल) को ही पत्र जारी कर सभी डीईओ और डीपीओ (स्थापना) के वेतन पर पाबंदी लगाते हुए स्पष्टीकरण की मांग की है. बताया जाता है कि इनकी लापरवाही के वजह से शिक्षकों का समय से वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है.