दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कथित शराब घोटाले से जुड़े केस में गिरफ्तार किया गया था। आम आदमी पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता एक साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं।
कथित शराब घोटाले में लगे आरोपों की वजह से एक साल से अधिक समय से जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर हाई कोर्ट में अहम सुनवाई होने जा रही है। भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सिसोदिया की ओर से दायर जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में दलीलें सुनी जाएंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली में 25 मई को होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता को जमानत मिलती है या नहीं।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट में 8 मई को सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई हुई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने ईडी और सीबीआई को जवाब दाखिल करने के लिए और अधिक समय देते हुए मामले को 14 मई तक स्थगित कर दिया था। जस्टिस स्वर्ण कांत शर्मा ने 3 मई को दोनों एजेंसियों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था। लेकिन ईडी और सीबीआई के वकीलों ने कोर्ट से और समय देने की गुजारिश की थी। सिसोदिया के वकील ने और समय की मांग का यह कहते हुए विरोध किया था कि ईडी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया था कि छह महीने में ट्रायल शुरू हो जाएगा।
ट्रायल कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सिसोदिया ने 30 अप्रैल को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले भी सिसोदिया को कई बार कोर्ट से निराशा मिल चुकी है। वित्त वर्ष 2021-22 की शराब नीति में भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईडी ने भी उन्हें गिरफ्तार किया था। सिसोदिया इस समय न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। ईडी और सीबीआई का दावा है कि विवादित नीति के जरिए शराब कारोबारियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया और बदले में उनसे रिश्वत ली गई।
हालांकि, आम आदमी पार्टी लगातार आरोपों को खारिज करती रही है। इसी केस में आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी इसी साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 21 दिन की अंतरिम जमानत दी है। केजरीवाल को 2 जून को दोबारा सरेंडर करके जेल जाना होगा। राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी जमानत पर हैं।