महिला अपने ससुराल आकर रहने लगी.
इधर, लता देवी के भाई चंद्रभूषण प्रसाद ने 10 जुलाई 2021 को दहेज के लिए कत्ल कर शव गायब करने का इल्जाम लगाया. 25 जुलाई 2021 को नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. केस में महिला के पति सुनील चौहान, देवर धर्मराज प्रसाद, देवराज चौहान, राहुल चौहान, सास आशा देवी समेत पांच को लोगों को अभियुक्त बनाया गया.बताया जाता है कि ससुराल पक्ष के लोगों की तरफ से मिली कुछ सूचना के आधार पर लता देवी को पुलिस ने बीते बुधवार (08 मई) को यूपी के बलिया से पकड़ लिया. उसे जिंदा देख पुलिस भी हैरान रह गई. अब प्रश्न है कि किसकी लापरवाही से महिला का पति 34 महीने तक जेल में रहा? सास भी सात महीने जेल में रही. बेकसूर की भरपाई कौन करेगा?लता देवी को पुलिस को बताया कि वह दूसरी शादी कर चुकी है. यूपी के बलिया में बस के ड्राइवर से उसने शादी करने की बात बताई है. बताया कि एक बेटी भी है. महिला ने बोला कि 2016 में दहेज के लिए प्रताड़ित करने का केस किया था. उसके बाद से ससुराल में यातना झेलनी पड़ रही थी, इसलिए घर छोड़कर स्टेशन भाग गई जहां बलिया के नागेंद्र सहनी ने सहारा दिया और वो अपने घर लेकर चला गया. उसी समय से उसके साथ रहने लगी. चार महीने के बाद उससे शादी कर ली. दोनों पति-पत्नी के रूप में बलिया में रहने लगे थे.पीड़ित ससुराल पक्ष के अधिवक्ता राजेश पाठक ने बोला कि महिला और उसके भाई ने कानून को गुमराह किया. अपहरण कर दहेज कत्ल की प्राथमिकी दर्ज कराई. पुलिस ने भी इस केस की सही तरीके से जांच-पड़ताल नहीं की और आनन-फानन में गिरफ्तार कर महिला के पति को जेल भेज दिया. केस के अनुसंधान में जिसकी लापरवाही हुई है उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. महिला और शिकायतकर्ता पर केस चलेगा.