चिराग पासवान युवा नेता हैं और युवाओं के लिए हमेशा सरकार से लड़ते रहे हैं.
हालांकि यादव समाज के कुछ लोग आरजेडी से नाराज भी हैं. उसका बड़ा कारण है करीब 30 किलोमीटर की लंबाई में राघोपुर विधानसभा क्षेत्र है और जिस जगह पर छह लेन पुल का निर्माण किया जा रहा है उससे अधिकांश स्थानीय लोगों को खास फायदा नहीं दिख रहा है. यादव समाज के लोगों ने बोला, "हम लोग छह लेन पुल बनने के बाद भी बाजार जाना होगा तो हम लोगों का नजदीकी बाजार फतूहा या खुसरूपुर होगा. उसके लिए हमें नाव का ही सहारा लेना पड़ेगा. अगर पक्का पुल बनता तो हम लोगों को फायदा होता, लेकिन इससे हम लोगों को कोई बड़ा फायदा नहीं दिख रहा है. तेजस्वी यादव विधायक बनते हैं, लेकिन यहां उनके ठेकेदार लोग कोई कार्य नहीं करते. हम लोग की समस्या को भी वह वहां तक नहीं पहुंचाते हैं."
बता दें कि जमुई सांसद और एलजेपी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने पहली बार हाजीपुर लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है. लोकसभा चुनाव में हाजीपुर की सीट एलजेपी (रामविलास) की परंपरागत सीट रही है. इस सीट के लिए चिराग पासवान ने लंबी लड़ाई लड़ी है, वो हमेशा अपने पिता की सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे. इस सीट के लिए वो अपने चाचा पशुपति पारस की भी नाराजगी झेल रहे हैं. चिराग पासवान इस सीट पर जीत के लिए आश्वस्त भी हैं और काफी ज्यादा मेहनत भी कर रहे हैं. सियासत के जानकारों का मानना है कि इसमें कोई दो राय नहीं कि चिराग पासवान को अपने वोटर्स के अलावा अन्य जातियों का वोट भी उन्हें मिल सकता है, क्योंकि उनके पिता स्वर्गीय राम विलास ने वैशाली के लोगों के लिए काफी कार्य किया है, अब जबकि पहली बार उनका बेटा अपनी जमीन से चुनाव लड़ रहा है तो लोग हाथों हाथ अवश्य लेंगे.