उन्होंने बोला कि प्राइवेट लिमिटेड की तर्ज पर पार्टी चलाने वाले लालू यादव ने चुनावों में टिकट बेचकर कई सौ करोड़ वसूले हैं. यूपीए-1 में रेल मंत्री बनने के बाद उन्होंने रेलवे के दो होटलों को लीज पर देने के बदले पटना के सगुना मोड़ के पास कोचर बंधुओं से साढ़े तीन एकड़ जमीन हथिया ली, जहां उनके दोनों बेटे बिहार का ‘बिगेस्ट मॉल’ बनवा रहे थे.सम्राट चौधरी ने बोला कि लालू यादव ने रेलवे में नौकरी देने के लिए गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले हृदयानंद चौधरी और ललन चौधरी से पत्नी, बेटे और बेटियों के नाम पर जमीन लिखवा ली. राकेश रंजन और मो. शमीम को एमएलसी बनाने के लिए उनसे पटना में कीमती जमीन अपने परिजनों के नाम पर ली.
वे थोड़े दिन पहले तक बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तरह-तरह के षड़यंत्र करते रहे हैं.
डिप्टी सीएम ने आगे बोला कि लालू यादव की नजर में विकास का मतलब केवल अपने परिवार को आगे बढ़ाना रहा है. गरीबों के नाम पर सियासत करने वाले लालू यादव ने भ्रष्टाचार के माध्यम से अपने परिवार की अमीरी बढ़ाई और अकूत बेनामी संपत्ति का अंबार खड़ा किया. बिहार के गरीबों, पिछड़ों से लालू यादव का कभी कोई सरोकार नहीं रहा. बेटे-बेटियों को सियासत में स्थापित करने के लिए उन्होंने बिहार को बर्बाद किया. लालू और उनके परिवार को बिहार की जनता कभी माफ करने वाली नहीं है.