जब छात्र ही स्कूल में नहीं रहेंगे तो शिक्षक क्या करेंगे?
इस भयंकर गर्मी में शिक्षकों को जरुर ही छुट्टी देनी चाहिए. बिहार की एनडीए सरकार शिक्षकों के प्रति ऐसे अमानवीय फैसले क्यों ले रही है? मुख्यमंत्री सहित पूरा मंत्रिमंडल वातानुकूलित कमरों में आराम फ़रमा शिक्षकों की जान लेने पर आमादा क्यों है?'बता दें कि बिहार के कई जिलों में बुधवार को भयंकर गर्मी से सरकारी स्कूलों में बच्चों के बेहोश होने की खबरें सामने आईं थीं. मुंगेर, शेखपुरा समेत कई जिलों के सरकारी स्कूलों में 50 से ज्यादा छात्र-छात्राओं के बेहोश होकर गिरने की खबर सामने आई थी. कई जगह शिक्षक और स्कूल के अन्य कर्मचारी भी बेहोश होकर गिर गए थे. इस खबर के बाद शिक्षा विभाग ने पहले आनन-फानन में स्कूल की टाइमिंग में परिवर्तन का निर्देश दिया. इसके बाद दूसरा नोटिफिकेशन जारी कर स्कूल को 30 मई से 8 जून कर बंद करने का निर्देश दे दिया, लेकिन इस क्रम में शिक्षक के स्कूल आने का भी फरमान दिया है.