कहीं गुस्सा ना हो जाए.
मैंने कार्य के लिए डांटा था."आंखों में आंसू लिए बीजेपी सांसद ने आगे बोला कि सुशील कुमार मोदी का सबके प्रति परोपकार का भाव रहता था. पार्टी के लिए उनका समर्पण भाव था. उन्होंने बोला कि कहा जाए तो वह एक कंप्यूटर थे. जब कंप्यूटर आया तो सबसे पहले उन्होंने संस्थान में जाकर कंप्यूटर सीखा. सीखे भी थे और कंप्यूटर की तरह एक-एक डाटा उनको याद भी रहता था.
सुशील कुमार मोदी के बारे में बताते हुए अश्विनी चौबे ने बोला, "मैं बोल सकता हूं कि राजनीति में ऐसे प्रखर व्यक्तित्व और समाज के भीतर हर क्षेत्र का ज्ञान रखने वाले वो व्यक्ति थे. छात्र आंदोलन में, आपातकाल में हमने देखा है. हमारे साथ आपातकाल में महीनों पीएमसीएच में रहे थे. बीमार स्थिति में भी वह किताब को कभी नहीं छोड़ते थे. बराबर उनका हंसी-मजाक चलता रहता था.