अगर जातिगत सर्वे का राजनीतिक फायदा होता तो बीजेपी में क्यों जाते?
आगे पीके ने बोला कि जातिगत सर्वे में जो परिणाम आए वो क्या दिखाते हैं? जिन जाति समूहों के पिछड़ा और वंचित होने की बात पिछले 40 से 50 वर्ष से कही जा रही है उस समाज की राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक विकास हुए ही नहीं हैं. लालू-नीतीश ने तो जमीन पर पड़े कीचड़ को अपने मुंह में लगा लिया है.लालू-नीतीश पिछड़े समाज का इतना भला चाहते हैं तो किसने इन्हें मुसलमानों और पसमांदा समाज के लोगों को गृह मंत्रालय देने से रोका था? नीतीश कुमार को महादलित से आने वाले लोगों को सड़क और वित्त मंत्री बनाने से किसने रोका है? अतिपिछड़ा समाज के किसी नेता को जल मंत्रालय देने से किसने रोका है? लालू यादव करीब 16 वर्ष मुख्यमंत्री रहे, किसी मुसलमान को गृह मंत्री नहीं बनाया, किसी को पथ निर्माण मंत्री नहीं बनाया.