बेबाकी से अपनी बात रखते थे.
रूडी ने बोला कि सुशील कुमार मोदी एक दोस्त थे, गार्जियन थे, एक नेता थे. बस इतना ही बोलेंगे कि सुशील मोदी एक सितारा था जो चला गया. उन्होंने बोला कि अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने मुलाकात की थी. राजेंद्र नगर स्थित उनके घर पर गए थे. वो रोने लगे. मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि सुशील मोदी कभी रो सकते हैं. उनकी पत्नी उनका हाथ पकड़कर बैठी थी. वो इशारों से बात कर रहे थे.
राजीव प्रताप रूडी ने मुलाकात के पल का चर्चा करते हुए आगे बोला, "मैं पूरा हंसाने की कोशिश की. बोला कि हम छपरा जीतेंगे. सब अच्छा होगा. सुशील जी आपको बहुत कुछ करना है." रूडी ने बोला कि उन्होंने उनको सुझाव दिया था कि दिल्ली में उपचार कराइए. रूडी ने बोला, "वो समय मुझे पूरी तरह से याद है. बहुत दुखी हूं. शाम से बहुत परेशान हूं. अब मैं कुछ नहीं कह पाउंगा...". इतना बोलते हुए राजीव प्रताप रूडी भावुक हो गए.