लोकसभा चुनाव के क्रम में तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लगा है. आरजेडी से त्यागपत्र देने के बाद पूर्व एमपी रामा सिंह ने बुधवार (1 मई) को एलजेपी (रामविलास) का दामन थाम लिया है. रामा सिंह के साथ-साथ उनके हजारों कार्यकर्ताओं ने भी चिराग पासवान की पार्टी ज्वाइन की है.पूर्व एमपी रामा सिंह दोबारा अपने पुराने घर में लौट गए हैं. रामा सिंह के एलजेपी (रामविलास) ज्वाइन करने की आशा पहले से ही थी. उनके एलजेपी (रामविलास) में सम्मिलित होने पर चिराग पासवान ने बोला, "पार्टी की स्थापना से ही रामा सिंह पिता के साथ रहे थे, आज उन्हें ये देखकर प्रसन्नता होती होगी. रामा सिंह के पार्टी में दोबारा सम्मिलित होने से पार्टी और ज्यादा मजबूत होगी."दरअसल रामा सिंह इस बार वैशाली या शिवहर लोकसभा सीट से महागठबंधन से टिकट चाहते थे, लेकिन आरजेडी ने उन्हें कहीं से भी टिकट नहीं दिया. इसके बाद से ही उनकी नाराजगी निरंतर दिख रही थी. वो पार्टी लाइन से हटकर निरंतर बयानबाजी कर रहे थे.
वर्ष 2014 के चुनाव में राम किशोर सिंह एलजेपी के टिकट पर चुनाव जीते थे.
उन्होंने आरजेडी के डॉ. रघुवंश प्रसाद को करीब 1 लाख वोट से हराया था. 2015 के बाद उन्होंने एलजेपी छोड़कर आरजेडी ज्वाइन कर लिया और तब से आरजेडी में बने हुए थे, हालांकि उनकी पत्नी वीणा देवी अभी भी आरजेडी में बनी हुई हैं और वह महनार विधानसभा से आरजेडी की विधायक हैं.बता दें कि लोकसभा चुनाव को लेकर तमाम पार्टियों के असंतुष्ट नेता अपनी पार्टी छोड़कर किसी न किसी दूसरी पार्टी में सम्मिलित हो रहे हैं, जहां से उनको टिकट मिलने की आशा है. ये लिस्ट काफी लंबी है. उधर रामा सिंह के अलावा आरजेडी प्रवक्ता करुणा सागर ने भी बुधवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया है.