संवाद
एक तरफ जहां मीडिया की विश्वसनीयता पर इस बार के लोकसभा चुनाव में प्रश्न चिन्ह लग गया है वैसे में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी बड़ी पहचान बन चुके टीएनपी न्यूज़ समूह ने अपने सटीक ईमानदार भरोसेमंद एग्जिट पोल के दम पर एक नई पहचान कायम की है। देश के कई प्रमुख मीडिया संस्थानों ने भी चैनल के इस स्टीक के एग्जिट पोल की सराहना की है।देश के तमाम टेलीविजन चैनलों ने जहां एग्जिट पोल में एनडीए गठबंधन को 300 प्लस सीट दिखाई थी वही देश के गांव-गांव तक अपने नेटवर्क को मजबूत कर चुके देश के सबसे बड़े मीडिया समूह टीएनपी न्यूज़ ने अपने चुनावी सर्वे में सबसे सटीक एग्जिट पोल दिखाया था चैनल ने अपने एग्जिट पोल में एनडीए को 275 से 300 सीट इंडिया गठबंधन को 190 से 210 सीट तथा अन्य को 50 से 60 सीट दिखाई थी। जो अंततः चुनाव परिणाम आने के बाद सटीक साबित हुआ। चैनल ने अपने मजबूत टीम के माध्यम से मतदाताओं के बीच जाकर उनके मन मिजाज को तो जाना ही साथ ही साथ उनके नब्ज को भी टटोल स्थानीय समस्याओं को समझा तथा इस बार के सियासी समीकरण को भी समझने का प्रयास किया उत्तर प्रदेश में जिस तरह से हालात बने थे और राजस्थान उत्तर प्रदेश में कई संगठन एनडीए के खिलाफ खड़े थे कई बड़े नेताओं के टिकट काट दिए गए थे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के उम्मीदवारों के लिस्ट को भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति ने काट छांट कर दिया था इससे यह साफ लग रहा था कि उत्तर प्रदेश में इस बार परिणाम प्रभावित हो सकते हैं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच का गठबंधन कई दागी उम्मीदवारों को अंतिम समय में बदलना इस बात को साबित कर रहा था कि खेल तो उत्तर प्रदेश में ही होगा ऐसे में टीएनपी न्यूज़ समूह का एग्जिट पोल 100 फीसदी सही साबित हुआ है। गुजरात के भाजपा सांसद रूपाला के द्वारा राजपूत समाज पर की गई टिप्पणी का असर उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई सीटों पर पड़ा राजस्थान में महज एक राजपूत उम्मीदवार उतारना उत्तर प्रदेश में दिग्गज राजपूत नेताओं को दरकिनार करना भी भाजपा को बड़ा भारी पड़ गया। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के जादू पर भी टीएनपी न्यूज़ ने पहले भविष्यवाणी कर दी थी ममता का ममता अभी समाप्त होने वाला नहीं है नीतीश कुमार की मजबूती भाजपा के बिहार में गुटबाजी का असर जातीय जनगणना के बाद बिहार में एक नए समीकरण के उदय पर भी चैनल ने अपनी मोहर लगाई थी