बिहार में अगले वर्ष 2025 में विधानसभा का चुनाव होना है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा या आने वाले समय में क्या कुछ बदलेगा यह वक्त बताएगा लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री और बक्सर के पूर्व सांसद अश्विनी चौबे (Ashwini Choubey) ने एक ऐसा बयान दिया है कि हंगामा मचना तय है. अश्विनी चौबे गुरुवार (27 जून) को भागलपुर में थे.अश्विनी चौबे ने इच्छा जाहिर की है कि इस बार बिहार में एनडीए बीजेपी के नेतृत्व में चुनाव लड़े. बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बननी चाहिए. पूर्ण बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी अकेले दम पर आए और एनडीए को भी आगे बढ़ाए. उन्होंने बोला, "हम नीतीश जी को साथ लेकर चल रहे थे, आज भी चल रहे हैं, आगे भी चलेंगे." बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने लोकसभा चुनाव के क्रम में जो बाहरी पार्टियों को टिकट दिया और बीजेपी के नेताओं का ही टिकट काट दिया इस प्रश्न पर कहा कि पार्टी में आयातित माल हमें कभी बर्दाश्त नहीं है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को इस बार बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में स्थान नहीं दिया,
लेकिन उन्हें राज्यपाल बनाने की चर्चा निरंतर हो रही है. इस बीच अश्विनी चौबे ने बोला कि अब वो चुनावी राजनीति दे दूर रहेंगे. उन्होंने बोला, "समाजसेवा में जेपी से जो प्रेरणा मिली है, उस पर आगे बढूंगा. कार्यकर्ता रहते हुए बगैर किसी पद के लोभ के संगठन में रहूंगा. पार्टी में रहूंगा. अगले पांच वर्ष तक रहने की इच्छा है."नीट पेपर लीक को लेकर अश्विनी चौबे ने बोला कि जिन लोगों ने किया है, भारत सरकार ने उस पर सीबीआई जांच बैठा दी है. जो विपक्ष के नेता हैं, वह इल्जाम लगा रहे हैं. पहले अपने गिरेबान में वो झांक कर देखें. फोटो किसके साथ? कौन किसका पीए है? इस विवाद पर नहीं बोलूंगा, लेकिन जहां चूक हुई है, शिक्षा माफिया ने जो गलत कार्य किया है, केंद्र सरकार उस पर कड़ी कार्रवाई कर रही है.