एक बड़े तबके में असंतोष था.
मेरा ऐसा भी मानना है कि उनके परिवारजनों ने भी चुनाव में विरोध जाहिर किया. लिहाजा इस पर नए तरीके से विचार करने की जरूरत है.इससे पहले केसी त्यागी ने बोला कि बिहार में हम एक बड़ी ताकत के रूप में लंबे वक्त से कार्यरत हैं. नीतीश कुमार ने जिस तरीके से गुड गवर्नेंस के माध्यम से वहां समाज के बड़े तबके का समर्थन प्राप्त किया है उसकी बानगी कई बार जनता के सामने आ चुकी है. महिलाओं का सशक्तीकरण, महिलाओं का सभी विभागों में आरक्षण, जो वंचित समाज के लोग हैं उनकी व्यापक हिस्सेदारी, बिहार में भी हम लोगों ने एनडीए का जनाधार बढ़ाया है. एक बार फिर हम एनडीए के मजबूत हिस्सेदार के रूप में उभरकर आए हैं.इस प्रश्न पर कि कौन से वो विभाग हैं जिसे जेडीयू चाहती है कि वह मिले ताकि बेहतर कार्य कर पाए. इस पर केसी त्यागी ने बोला कि पुराने अनुभव के आधार पर देखें तो अटल बिहारी वाजपेयी के समय उड्डयन मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय, टेलीकम्यूनिकेशन मंत्रालय है. हम लगभग 20 सालों से मांग कर रहे हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले. मंत्रालय को लेकर ना कोई हमारी जिद है ना शर्त है. बिहार के विकास के लिए जो नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार जो बेहतर समझेंगे वो हमें स्वीकार होगा.