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बिहार की दो राज्यसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर सियासी खलबली तेज, पढ़ें- किन नामों की हो रही जिक्र?


संवाद 


लोकसभा चुनाव संपन्न हो गए हैं तो देश की 10 राज्यसभा सीटें भी खाली हो चुकी हैं, क्योंकि दस राज्यसभा सांसद लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद भवन आ चुके हैं. ऐसे में अब सभी 10 राज्यसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इनमें बिहार में दो राज्यसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, जिसमें आरजेडी और बीजेपी से एक-एक राज्यसभा सांसद है. पहले आरजेडी से लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती सांसद राज्यसभा सांसद रही जो 2022 में निर्वाचित हुई थी और अभी 4 वर्ष का कार्यकाल बचा हुआ है. मीसा भारती पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुकी हैं तो अब वह सीट खाली हो गई है. राज्यसभा की यह सीट लालू परिवार की रही है.
आरजेडी के एक विश्वस्त नेता ने बताया कि अभी तो विधायक का पद खाली हुआ है तो विधायकों के बारे में जिक्र हो रही है कि किसे भेजा जाए. राज्यसभा के लिए यह सीट लालू परिवार की है तो ज्यादातर आशा जताई जा रही है कि लालू परिवार में से ही कोई राज्यसभा जाएगा. इस बार लोकसभा चुनाव में मीसा भारती और रोहिणी आचार्य दोनों मैदान में थी लेकिन रोहिणी आचार्य सारण लोकसभा सीट से चुनाव हार गईं. इसलिए ज्यादा आशा है कि रोहिणी आचार्य को राज्यसभा भेजा जा सकता है.

 हालांकि अभी यह जिक्र है इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

वहीं बीजेपी की भी एक राज्यसभा सीट खाली हुई है. पटना से बीजेपी के पूर्व सांसद रहे सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर जो साल 2000 में राज्यसभा सांसद के लिए निर्वाचित हुए थे. इस बार वह नवादा लोकसभा के सांसद बन चुके हैं. अभी उस सीट पर 2 वर्ष का कार्यकाल बचा हुआ है और अब नए सांसद का चुनाव होगा. हालांकि अभी से ही नाम को लेकर जिक्र और कयासों का दौर चल रहा है.बीजेपी सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार राज्यसभा चुनाव के लिए अभी कुछ तय नहीं हो पाया है. एक महीने के भीतर बिहार के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा उसके बाद राज्यसभा के सीट पर नाम की घोषणा हो सकती है, लेकिन उससे पहले जो जिक्र हो रही है कि लोकसभा चुनाव में बिहार से 8 मंत्री बनाया गया है. उनमें राजपूत जाति को एक भी मंत्री पद नहीं दिया गया है. बीजेपी के विश्वास सूत्रों के अनुसार 80% आशा है कि राजपूत जाति से बिहार बीजेपी के बड़े नेता जो राजपूत जाति के हैं, वह राज्यसभा में जा सकते हैं. हालांकि पहले से इस सीट पर विवेक ठाकुर जो भूमिहार जाति से आते हैं उन्हें बनाया गया था.
अब 8 मंत्रियों में दो मंत्री भूमिहार से ही हैं, ऐसे में यह साफ है कि भूमिहार जाति को राज्यसभा नहीं भेजा जा सकता है. नाम की बात करें तो तीन नाम जिक्र में आ रहे हैं. सबसे पहला नाम दो बार आरा लोकसभा से सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.के सिंह को राज्यसभा भेजा जा सकता है, तो दूसरे नंबर पर पूर्व राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह का नाम आ रहा है. तीसरा नाम औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह का भी बताया जा रहा है जो इस बार चुनाव हार गए हैं.

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