एमएलसी राजवर्धन झा आजाद ने बोला कि 25 लाख बच्चों का भविष्य खतरे में है.
उन्होंने बोला कि ग्रेस मार्क का आधार क्या है? किस आधार पर एनटीए की तरफ से ग्रेस मार्किंग की गई? बच्चों को कम समय पेपर लिखने के लिए मिला तो उस आधार पर ग्रेस मार्किंग देना कहीं से सही नहीं है. ग्रेस मार्किंग की जगह 15 मिनट का समय एनटीए को बढ़ा देना चाहिए था.जेडीयू एमएलसी ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में आगे बोला कि नीट पेपर को खारिज कर देना चाहिए. जो आधार दिए गए वह कहीं से जायज नहीं हैं. अगर ऐसे हालात रहे तो पूर्व में कई बच्चों ने सुसाइड किया है. 2019 में एक बच्ची ने खुदकुशी कर ली थी. ऐसी स्थिति में बच्चों को प्रॉब्लम हो जाती है. यह परीक्षा रद्द होना चाहिए और फिर से फ्रेश परीक्षा लेने की आवश्यकता है.