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जहां हुआ नीट पेपर लीक का खेल उसके मकान मालिक का बड़ा पर्दाफाश, बोला- 'मैं संजीव मुखिया...'


संवाद 


नीट परीक्षा पेपर लीक मामले में अलग-अलग खुलासे हो रहे हैं. एक-एक कर धीरे-धीरे कई लोगों के नाम भी जुड़ते जा रहे हैं. राजधानी पटना के खेमनीचक स्थित जिस स्कूल के हॉस्टल के कमरे में रट्टा मार अभ्यर्थी आए थे वहां के मकान मालिक प्रभात रंजन ने की खास बातें बताईं हैं. रविवार (23 जून) को प्रभात रंजन ने एबीपी न्यूज़ के कैमरे पर कई जानकारियां दीं. पढ़िए एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने नीट पेपर लीक को लेकर क्या कुछ बोला है. प्रश्नों के जवाब में प्रभात रंजन ने बोला कि उन्हें इस पूरे मामले में छह मई को जानकारी हुई थी. उन्हें एक व्यक्ति जिसका नाम संजय है उसने ही बताया था कि आपके मकान पर छापेमारी हो रही है. बोला कि संजय का मकान उनके मकान से कुछ ही दूरी पर है. आगे प्रभात रंजन ने बोला कि इसके पहले उन्हें किसी प्रकार से कोई खबर नहीं थी. आपको बता दें कि चार मई की रात्रि लर्न प्ले स्कूल के हॉस्टल में कई अभ्यर्थियों को लाया गया था. यहां उन्हें सवाल और उसके जवाब रटने के लिए दिए गए थे. 

पांच मई को नीट की परीक्षा थी.

प्रभात रंजन ने बोला कि उन्होंने आशुतोष कुमार को किराए पर अपना मकान दिया था. इसका एग्रीमेंट भी है. वह दनियावां प्रखंड का रहने वाला है. प्रभात ने बोला कि वह बहुत पहले से आशुतोष को जानते हैं. क्योंकि उनकी पत्नी दनियावां की प्रमुख रह चुकी हैं. वह प्रखंड प्रमुख के प्रतिनिधि थे लोग जानते थे. वह 2016 में मुखिया भी रहे.एक प्रश्न पर कि यह बात आ रही है कि आपने आशुतोष को किराए पर दिया, आशुतोष ने किसी मनीष नाम के व्यक्ति को किराए पर दे दिया फिर मनीष ने प्रश्न पत्र लीक कराने वाले को दे दिया. इस पर प्रभात रंजन ने बोला कि मैं आशुतोष को जानता हूं और मेरी नजर में वही आरोपी है. मुझसे पुलिस ने अब तक कोई पूछताछ नहीं की है. मुझे लगता है कि आशुतोष और मनीष से भी पूछताछ नहीं हुई है. मुझे पुलिस जब बुलाएगी मैं जाने के लिए तैयार हूं.पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड संजीव मुखिया का नाम आया है. इस पर प्रभात रंजन ने बोला कि वह संजीव मुखिया को नहीं पहचानते हैं. उन्होंने बोला कि आशुतोष उन्हें पांच हजार रुपये किराए देता था. प्रभात ने बोला, "अखबार में आ रहा है कि मेरी बेटी मेडिकल में है. यह बात बता दी जाए कि कौन बेटी मेरी मेडिकल में है उसका सर्टिफिकेट रद्द कर दें. संजीव मुखिया को मैं जानता तक नहीं हूं. मैं सिर्फ दो ही लोगों को जानता हूं मनीष और आशुतोष को, मैं गवाही देने के लिए तैयार हूं. जहां बुलाया जाएगा मैं जाऊंगा."

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