अब नीतीश कुमार ही ऐसी कड़ी हैं जो दोनों गठबंधन के काम आते नजर आ रहे हैं,
क्योंकि बिहार में नीतीश को अच्छी खासी सीट मिल रही है. ऐसे में दोनों गठबंधन नीतीश कुमार पर नजर रखे हुए हैं.नीतीश कुमार तो एनडीए के भाग पहले से ही हैं और उन्होंने बोला भी है कि अब वो कहीं नहीं जाएंगे, एनडीए के साथ रहेंगे. ऐसे में बीजेपी के लिए कोई ज्यादा चिंता की बात नहीं है. जेडीयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा का भी बोलना है कि बिहार में हमलोग विकास के मुद्दे पर चुनाव में गए थे और यहां की जनता को विकास का मुद्दा पसंद आया. लोगों को नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की करिश्माई जोड़ी पर भरोसा है. कुछ सीटों की नुकसान होगा लेकिन सरकार हमारी ही बनेगी.
इन तमाम दावों के बीच नीतीश कुमार का सम्राट चौधरी से नहीं मिलना कई प्रश्न खड़े कर रहा है. कहीं तेजस्वी यादव की वो बात सच होने वाली तो नहीं जिसमें उन्होंने बोला था कि चार जून के बाद नीतीश चाचा कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं. कहीं वो बड़ा निर्णय एनडीए के लिए कोई परेशानी का सबब ना जाए, इसीलिए सम्राट चौधरी शायद नीतीश कुमार के मन की बात भांपने के लिए उनसे मिलने आए होंगे, लेकिन सीएम से उनकी मुलाकात ही नहीं हो सकी. बहरहाल अब तो पूरे परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा, नीतीश कुमार किसके होंगे.