चुनाव परिणाम की समीक्षा अतिआवश्यक है
परन्तु यह हमारा (एनडीए का) आंतरिक मामला है. इसका उद्देश्य हमारी कमियां ढूंढ कर मिलजुलकर उसको दूर करना है. ताकि आगामी विधानसभा चुनाव की फुलप्रूफ रणनीति बनायी जा सके.'आगे उन्होंने लिखा कि 'सार्वजनिक मंच पर जिक्र हमारे मूल उद्देश्य को ध्वस्त कर सकती है. उधर विरोधी आग में घी डालने के लिए तो बैठा है ही. अतः हम सबको गंभीर होकर अर्जुन की तरह बिहार को फिर से 2005 के पहले वाली स्थिति में ले जाने से रोकने के लिए पुनः एनडीए सरकार की स्थापना के अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.बता दें कि एनडीए में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम को लोकसभा की एक सीट काराकाट मिली थी. काराकाट से उपेंद्र कुशवाहा खुद चुनाव लड़े थे, लेकिन वो हार गए. इसको लेकर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वे हारे नहीं हैं उन्होंने रणनीति कर हराया गया है. इसके बाद लालू यादव के जन्मदिन पर उन्होंने शुभकामनाएं दी. इसको लेकर कई कयास लगाने प्रारंभ हो गए और बिहार की सियासत में एक बार फिर उपेंद्र कुशवाहा की जिक्र होने लगी है कि क्या वो पाला बदलने की तैयारी कर रही हैं?