उन्होंने बोला कि एक भी बच्चा पढ़-लिखकर निकल गया तो पूरे परिवार को गरीबी से निकाल देगा.
नहीं पढ़ाइएगा तो जीवन भर आपके बच्चों को खिचड़ी खानी पड़ेगी, मजदूरी करना पड़ेगा और आपको नाली-गली के लिए, 5 किलो अनाज के लिए नेताओं के सामने भीख मांगनी पड़ेगी.प्रशांत किशोर ने सभा में आए लोगों से दावा करते हुए बोला कि आप में से कोई भी आदमी ऐसा नहीं है जो ये देखने के लिए विद्यालय में गया हो कि आपका बच्चा पढ़ रहा है या नहीं. आज अगर ऑर्केस्ट्रा, नाच आ जाए तो पूरे जवार के 10 हजार आदमी वो देखने के लिए चले जाएंगे. आपको नाच देखने का वक्त है, भारत, पाकिस्तान, पुलवामा आपको समझ में आ रहा है, हिंदू-मुसलमान करने की समझ है लेकिन अपने बच्चों की बर्बादी नहीं दिख रही है.