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अघाड़ी में विस सीट शेयरिंग पर कांग्रेस-उद्धव में बड़ी रार, एक 125 तो दूजा 150 से कम सीट पर नहीं तैयार

संवाद 


महाराष्ट्र में 48 सीटों पर हुए लोकसभा चुनावों में मिली संजीवनी से गदगद महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) में अब आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सीट शेयरिंग पर चर्चा हो रही है।

इस साल के अंत तक राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन सीट बंटवारे में MVA के घटक दलों में खटपट की खबरें सामने आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे पर कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना के बीच रार छिड़ गई है। उद्धव ठाकरे जहां राज्य की कुल 288 विधान सभा सीटों में से 115 से 125 पर अपने उम्मीदवार उतारना चाह रहे हैं, वहीं कांग्रेस 150 सीटों पर प्रत्याशी खड़े करना चाह रही है। कांग्रेस पहले ही यह बात कह चुकी है।

मंगलवार को शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के नेताओं संग आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाने और सीट शेयरिंग फॉर्मुले पर मंथन किया। इस बैठक में संजय राउत, अनिल देसाई, सुभाष देसाई और सुनील प्रभु समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि बैठक में उद्धव ठाकरे ने कुल 125 संभावित सीटों पर चुनावी समीक्षा की और वहां हार-जीत की संभावनाओं पर चर्चा की।

सूत्रों के मुताबिक ठाकरे ने इन 125 सीटों पर जीत के लिए पार्टी में थिंक टैंक बनाने और वॉर रूम तैयार करने का निर्देश दिया। पार्टी इस पर तेजी से और गंभीरता से काम कर रही है। शिवसेना से जुड़े एक नेता ने बताया कि 2019 के विधान सभा सीटों में मिले वोटों के आधार पर पार्टी इन सीटों को चार वर्गों (A,B,C और D) में वर्गीकृत करेगी और उसी के अनुरूप रणनीति बनाएगी।

बता दें कि 2019 में शिवसेना ने भाजपा के साथ मिलकर 124 विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि सहयोगी भाजपा ने 152 और अन्य एनडीए सहयोगी दलों ने 12 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। भाजपा को कुल 105 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि शिवसेना की 56 सीटों पर जीत हुई थी। बाद में सरकार गठन पर विवाद पैदा होने के बाद दोनों दलों का गठबंधन टूट गया था। बाद में महा विकास अघाड़ी के बैनर तले उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई थी।

हालांकि, 2022 में शिवसेना टूट गई और एकनाथ शिंदे 30 से ज्यादा विधायकों के साथ टूटकर एनडीएम खेमे में शामिल हो गए। शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर फिर सरकार बना ली। बाद में अजित पवार भी एनसीपी को तोड़कर एनडीए में शामिल हो गए और शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री बन गए।

शिवसेना आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भी 2019 की तर्ज पर फार्मूला बना रही है और उसी के तहत MVA में 125 सीटों पर दावा ठोक रही है लेकिन दिलचस्प यह है कि महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले पहले ही रह चुके हैं कि उनकी पार्टी 150 सीटों पर उम्मीदवार खड़े गरेगी। 

ऐसे में सवाल उठता है कि फिर शरद पवार की एनसीपी क्या करेगी और कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी? 2019 में कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर 125-125 सीटों पर चुनाव लड़ा था और शेष 38 सीटें सहयोगी दलों की दी थीं। मगर इस बार चुनाव से पहले की अंदरूनी लड़ाई दिलचस्प हो गई है। 

सीट बंटवारे के मुद्दे पर कांग्रेस झुकती है या एनसीपी, यह एक बड़ा सवाल है क्योंकि लोकसभा चुनावों में शिवसेना ने कड़ा रुख अपनाया था।

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