30 वर्ष तक निर्णय नहीं हो पाता था.
सियासत वाले लोग खूब इसका लाभ लेते थे. बड़े-बड़े क्राइम करके अपराधी बचने का रास्ता ढूंढते थे. अब इस कानून के तहत 60 दिनों के भीतर इल्जाम पत्र सिद्ध होगा. 45 दिन में ट्रायल होगा.विजय सिन्हा ने बोला कि पुराने कानून व्यवस्था में कई वर्षों तक केस चलता था. नए कानून से समय सीमा में निर्णय होगा. पहले लोग केस लड़ते रह जाते थे. निर्णय नहीं हो पाता था. पुरानी कानून व्यवस्था से लोगों का विश्वास समाप्त हो गया था. अब न्याय में विश्वास जगेगा. पहले केस लड़ते-लड़ते घर बिक जाता था.
उधर नए कानून के तहत केस भी दर्ज होने लगे हैं. भारतीय न्याय संहिता के तहत सेंट्रल दिल्ली के कमला मार्केट थाने में नए कानून के हिसाब से पहली एफआईआर दर्ज हुई है. एक शख्स रेलवे स्टेशन के पास बीच सड़क पर रेहड़ी लगाकर पानी, गुटखा बेच रहा था. इससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही थी. कई बार बोलने पर वो नहीं माना. मौके पर उपस्थित पुलिसकर्मी ने उसका नाम पता पूछकर नए कानून BNS की धारा 285 के तहत एफआईआर दर्ज की है.