युगों-युगों तक याद रखी जाएगी शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के शौर्य और वीरता की कहानी...
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يوليو 06, 2024
सेना के जवान और अधिकारी ही देश के लिए जज्बा और बहादुरी नहीं दिखाते, बल्कि उनके माता-पिता, पत्नी और बच्चे भी हर अग्निपरीक्षा में उनके साथ रहते हैं. हर दर्द बराबरी से सहते हैं.आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सैन्य बलों, अर्धसैनिक बलों व पुलिस कर्मियों को कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित किया. इसी दौरान पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर के कैप्टन अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. उनकी मां और पत्नी जब राष्ट्रपति से लेने जा रहीं थीं तो दोनों को एक नजर देखते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़ी ही सख्ती से अपनी भावनाओं को काबू करते दिखे. वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह थोड़े विचलित हुए बिना न रह सके.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तो कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी को देखकर एक मां की तरह भावुक नजर आईं. वह उनके कंधे पर हाथ रखकर सांत्वना और लाड जताती नजर आईं. इस दृश्य को देखकर सभी नम आंखों से ताली बजाने लगे. राजनाथ सिंह से लेकर किरेन रिजिजू तक तालियां बजाते नजर आए. मगर पीएम मोदी उस समय तक भावुक नजर आने लगे. वह इन दोनों को देख भी नहीं पा रहे थे. कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी स्मृति और मां मंजू सिंह ने कीर्ति चक्र राष्ट्रपति से अपने हाथ में लिया तो दोनों के चेहरे पर कुछ सेकेंड के लिए अपने पति और बेटे के लिए गर्व के भाव भी नजर आए. जब कैप्टन अंशुमन सिंह के बलिदान की गाथा राष्ट्रपति की मौजूदगी में इन दोनों को सुनाई गई तो दोनों अपने आंसुओं को ऐसे बांधे हुए थीं, जैसे कोई समंदर पर बांध बनाने की कोशिश कर रहा हो.