जिस प्रकार से मीट की दुकानों पर और मीट प्रोडक्ट पर हलाल सर्टिफिकेट लिखा होता है.
उसी तरह से कांवड़ रूट की दुकानों पर मालिक की असली पहचान लिखने में भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. बिहार के सुल्तानगंज से लाखों कांवड़िए कांवड़ लेकर देवघर जाते हैं, क़ानून लागू होगा तो उनको सहूलियत होगी. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने जिस प्रकार से फैसला लिया है उसका हम स्वागत करते हैं.उन्होंने बोला कि यूपी सरकार के निर्णय का एलजेपीआर, जेडीयू और आरएलडी विरोध कर रही है तो उनका अपना अलग मन्तव्य हो सकता है, लेकिन बिहार में यह नियम लागू होना चाहिए. आपको बता दें बिहार में इस मांग को लेकर जेडीयू और बीजेपी की अगल-अलग राय है. इस पर आरजेडी नेताओं ने निशाना साधना भी शुरू कर दिया है. आरजेडी का बोला है कि इस तरह एनडीए में बिखराव होगा तो देश कैसे चलेगा.