रुपौली विधानसभा के परिणाम से यह साफ हो गया है कि क्षेत्र की जनता ने किसी भी दल पर विश्वास नहीं जताया हैं और निर्दलीय को अपना विधायक बनाना उचित समझा.
रुपौली विधानसभा सीट शंकर सिंह को आने हमेशा से हॉट सीट बना रहा है.
2005 के बाद दूसरी बार शंकर सिंह को कामयाबी मिली है और विधानसभा पहुंच गए हैं.2020 के विधानसभा चुनाव में भी शंकर सिंह ने लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह जीत नहीं पाए थे. शंकर सिंह के वजह से करीब 20000 वोट से बीमा भारती चुनाव जीती थीं. पूर्णिया जिला बाहुबलियों का क्षेत्र रहा है और इन्हीं बाहुबलियों में से पहचान रखने वाले एक बाहुबली है शंकर सिंह. रुपौली विधानसभा क्षेत्र से शंकर सिंह पहले भी एक बार विधायक बन चुके हैं.
शंकर सिंह लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर रुपौली विधानसभा क्षेत्र से 2005 के मार्च महीने में होने वाले चुनाव में जीत प्राप्त किए थे लेकिन उस समय सरकार नहीं बनी थी और 6 महीने तक राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था. 6 महीने बाद नवंबर में चुनाव हुए तो शंकर सिंह चुनाव हार गए थे और बीमा भारती चुनाव जीत गई थी.इस बार चिराग पासवान ने गठबंधन धर्म के वजह से उन्हें टिकट देने से मना किया तो वह निर्दलीय चुनाव मैदान में आ गए और दोनों दलों को करी टक्कर देते हुए चुनाव जीत गए है. माना जा रहा है कि शंकर सिंह को अपर काष्ट पूरा समर्थन मिला है तो मुस्लिम समुदाय के वोटर भी शंकर सिंह को वोट किया है. यह जिक्र पहले हो गई थी कि मुस्लिम वोट शंकर सिंह को मिलेंगे इस पर पप्पू यादव ने भी अपना स्टेटमेंट जारी किया था कि दो दलों के बीच लड़ाई है तीसरा को अवसर नहीं दे लेकिन जनता ने शंकर सिंह पर यकीन किया.