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बिहार की नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी, आपदा प्रबंधन विभाग ने जिला प्रशासन को किया अलर्ट


संवाद 


बिहार में पिछले दो-तीन दिन से निरंतर वर्षा के बाद कई नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमडी) ने गुरुवार (11 जुलाई) को सभी जिला प्रशासन को अलर्ट रहने को बोला है. डीएमडी के जारी एक बयान के अनुकूल, डीएमडी के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) प्रत्यय अमृत ने लगभग सभी जिलों के संबंधित अधिकारियों के साथ एक ऑनलाइन समीक्षा बैठक की और राज्य के विभिन्न जगहों पर स्थिति की जानकारी ली.एसीएस ने संबंधित जिलों के अधिकारियों को अलर्ट रहने और जलस्तर बढ़ने पर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने का आदेश दिया. बिहार में अधिकतर नदियों के जलस्तर बढोत्तरी जारी है जिसके वजह से नदियां निचले इलाकों को अपनी चपेट में ले रही हैं. 

राज्य जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) के अधिकारियों ने बोला कि राज्य में अभी तक बाढ़ को लेकर कोई चिंताजनक स्थिति नहीं है.

अधिकारियों ने ये भी बोला कि पूर्वी चंपारण, गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण जिलों में गंडक और बूढ़ी गंडक नदी सहित अन्य नदियां या तो अपने खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं या कुछ जगहों पर खतरे के निशान के करीब हैं. उन्होंने बोला, अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है और पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिलों के कुछ भागों में निचले इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.पिछले कुछ दिनों में हुई वर्षा के वजह से राज्य में गंडक, कोसी, गंगा, बूढ़ी गंडक, महानंदा और कमला नदियों का जलस्तर बढ़ा है. राज्य के गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, बगहा, पूर्णिया, सुपौल, दरभंगा, खगड़िया और झंझारपुर में कुछ स्थानों पर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. गंडक नदी पर बने वाल्मीकिनगर बैराज में पानी के बढ़ते दबाव को देखते हुए गुरुवार को बैराज के कुछ द्वार खोल दिए गए. इससे पानी का बहाव तेजी से शुरू हो गया, जो आज 2.33 लाख क्यूसेक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. इसी तरह कोसी नदी पर कोसी बीरपुर बैराज से बृहस्पतिवार को दोपहर 2 बजे तक 1.73 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया.

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