पुल की लंबाई 69. 91 मीटर एवं एप्रोच की लंबाई 100 मीटर है.
ग्रामीण मो. अबुल कलाम, मो. मैनुल, मुजफ्फर, दाऊद ,अफसर, इम्तियाज आलम, सरफराज आलम, मो. एकराम, दाऊद आलम, शमीम अख्तर, हसीब, मो. नुरसलाम, ने संवेदक पर पुल निर्माण कार्य में अनियमितता का इल्जाम लगाया है.ग्रामीणों का इल्जाम है कि संवेदक के द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं करवाया गया है, जिस वजह से एक ही वर्षा में जगह जगह रैनकट बन गया है. साथ ही सड़क पर बने पुल का एक तरफ का एप्रोच 1 साल में दोबारा ढह गया. एप्रोच ढहने के साथ ही आवागमन बाधित हो गया. ग्रामीणों ने बताया कि अगले साल 13 जुलाई 2023 को इसी जगह पर पुल काअप्रोच ध्वस्त हो गया था. 11 जुलाई 2024 को इसी जगह पर दोबारा पुल का एप्रोच ध्वस्त होने के साथ ये अपनी बदहाली की कहानी स्वयं कह रहा है.ग्रामीणों ने बोला कि ये कई गांव के 10 हजार की आबादी का आवागमन का मुख्य मार्ग है. अब पुल का एप्रोच ढह गया है तो ग्रामीणों सहित पंचायत मुखिया प्रतिनिधि सज्जाद आलम ने डीएम से उच्चस्तरीय जांच कर सड़क एवं पुल के एप्रोच निर्माण की मांग की है. कनीय अभियंता हरी शंकर प्रसाद ने बताया कि अभी कटाव निरोधक काम चल रहा है. इसके बाद इस पुल एप्रोच को भी फिर से अच्छा किया जाएगा.