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लाश से भी संबंध बनाते हैं अघोरी बाबा, बेहद अजीब है वजह

संवाद 

साधु-संतों की एक बिरादरी अघोरी बाबाओं की भी है. जिनका जीवन काफी रोचक होता है लेकिन उनसे जुड़े कई ऐसे पहलू भी हैं, जो बेहद अजीब हैं. अघोरियों का ना केवल भगवान की भक्ति करने का तरीका अलग है.

बल्कि उनका रहन-सहन, भोजन भी बहुत अलग है. यहां तक कि आम साधु-संतों से इतर ये अघोरी बाबा शारीरिक संबंध भी बनाते हैं. जबकि साधु-संतों की बिरादरी में एक बात आमतौर पर देखी जाती है कि वे अविवाहित होते हैं और ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं. लेकिन अघोरी बाबाओं के मामले में ऐसा नहीं है. 

शव के साथ भी संबंध बनाते हैं अघोरी बाबा 

अघोरी बाबा आमतौर पर सामान्‍य जन-जीवन में नजर नहीं आते हैं. उनका ठिकाना श्‍मशान घाट होते हैं, जहां वे रातों को जागकर तंत्र साधना करते हैं. घनी काली रात में वे तंत्र-मंत्र करते हैं. अधजली लाशों का मांस खाते हैं और शवों के साथ संबंध बनाते हैं. यही वजह है कि अघोरियों के तौर-तरीके खासे वीभत्‍स लगते हैं. भगवान शिव के भक्‍त अघोरियों के शारीरिक संबंध बनाने के पीछे भी एक खास वजह है. 

अघोरी बाबाओं का मानना है कि यदि वे शारीरिक संबंध बनाने के दौरान भी भगवान की भक्ति कर सकते हैं तो यह उनकी साधना को एक ही अलग स्‍तर देता है. 

मासिक धर्म के दौरान बनाते हैं संबंध 

कहा जाता है कि अघोरी बाबा महिलाओं से मासिक धर्म के दौरान संबंध बनाते हैं. इसके पीछे भी उनके अलग तर्क है. अघोरियों का मानना है कि मासिक धर्म में महिलाओं के साथ संबंध बनाने से उनकी तंत्र शक्ति प्रबल होती है. 

कुत्‍तों से करते हैं प्रेम 

अघोरी बाबाओं का ना केवल जीवन, भगवान की भक्ति करने का अनूठा तरीका ही नहीं है. साथ ही अघोरी बाबा की वेशभूषा भी खासी अजीब होती है. अघोरी बाबा अपने शरीर पर राख लपेटते हैं, लंबी-लंबी जटाएं रखते हैं. साथ ही कई अघोरी बाबा जानवरों की खाल पहनते हैं. अघोरियों को कुत्‍तों से बहुत प्रेम होता है, वे हमेशा अपने साथ कुत्‍ता रखते हैं. इसके अलावा अघोरी बाबा कई तरह के नशे भी करते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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