इस वजह से वो नहीं जा सके,
लेकिन बिहार विधानसभा में सीपीआई (एमएल) के नेता महबूब आलम ने बोला कि सीएम केंद्र के माध्यम से बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा देने से मना करने पर शर्मिंदगी के वजह से बैठक में सम्मिलित नहीं हुए.उन्होंने पीटीआई से बोला कि सीएम को इस महत्वपूर्ण बैठक में सम्मिलित होना चाहिए था. उन्होंने एक बार फिर बिहार के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा मांगने और राज्य के संशोधित आरक्षण कानूनों को संविधान की नौवीं अनुसूची में सम्मिलित करने का मौका खो दिया है. नौवीं अनुसूची में केंद्रीय और राज्य कानूनों की एक सूची सम्मिलित है, जिन्हें अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती.
सीपीआई (एमएल) के एक अन्य विधायक अजीत कुमार सिंह ने भी इसी प्रकार के विचार व्यक्त किए हैं. अजीत कुमार सिंह ने सिंह ने बोला कि नीति आयोग की बैठक में सम्मिलित न होने का सीएम का निर्णय दिखाता है कि उन्हें बिहार के लोगों के कल्याण की कोई चिंता नहीं है.