नई दिल्ली स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबने से हुई छात्रों की मृत्यु के बाद बिहार में भी प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है. पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने मंगलवार (30 जुलाई) को बोला है कि पटना कोचिंग हब है, भारी संख्या में छात्र विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग लेते हैं. इन कोचिंग संस्थानों की जांच-पड़ताल होगी. पटना जिले में 3000 बड़े कोचिंग संस्थान हैं. पहले वहां जांच होगी. ये जांच आज से ही शुरू कर दी जाएगी. डीएम चंद्रशेखर ने बोला कि अनुमंडलवार जांच टीम बनाई गयी है. 6 सदस्यीय टीम के अध्यक्ष अनुमंडल पदाधिकारी होंगे. 6 टीमें बनाई गई हैं. जांच टीम के सदस्य अग्निशमन अधिकारी, बीईओ, सीओ, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और क्षेत्र के थानाध्यक्ष होंगे. कोचिंग संस्थानों के रजिस्ट्रेशन, प्रवेश-निकास की व्यवस्था, सुरक्षा मानकों, फायर सेफ्टी, बिल्डिंग बायलॉज, ड्रेनेज सिस्टम, इमरजेंसी हालात से निपटने की व्यवस्था की जांच होगी.
जांच के बाद अधिकारियों को 2 सप्ताह में रिपोर्ट देनी होगी.
रिपोर्ट में अगर कोचिंग मानक के अनुरूप नहीं हैं तो उन्हें उसको ठीक करने के लिए वक्त दिया जाएगा. इसके बाद भी मानक के अनुरूप नहीं मिले तो उन्हें बंद किया जाएगा. डीएम ने बोला कि आज मंगलवार 3 जलाई से ही वेरिफिकेशन ड्राइव शुरू होगा. दरअसल बीते शनिवार को दिल्ली में हुई घटना से पटना जिला प्रशासन ने सीख लेते हुए सुरक्षा के ख्याल से ऐसा कदम उठाया है. बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में हजारों कोचिंग संस्थान हर इलाके में चलते हैं, जहां स्कूल ट्यूशन के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में बैठने वाले सैकड़ों बच्चे रोजाना पढ़ने आते हैं. जिले में 3000 बड़े कोचिंग संस्थान हैं. कई कोचिंग संस्थानों की क्लासेज तो खचाखच भरी होती है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए छात्र-छात्राओं की हिफाजत के लिए पटना जिला प्रशासन ने भी कोचिंग संस्थानों की जांच-पड़ताल कराने के निर्देश दिए हैं.