प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र में एनडीए सरकार देश में जल्द ही जनगणना करा सकती है. लंबे समय से अटके हुए पॉपुलेशन सेंसस सर्वे को लेकर यह बड़ा है सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में आगे बताया गया कि अगर जनसंख्या से जुड़ा नया सर्वे अगले महीने शुरू होता है तब इसे पूरा होने में करीब 18 महीने (डेढ़ साल) का समय लगेगा. अफसरों की ओर से कहा गया कि गृह मंत्रालय (जो जनगणना से जुड़े काम की कमान संभालता है) और मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन ने सेंसस के लिए टाइमलाइन तय कर दी है और वे मार्च, 2026 तक इसके नतीजे जारी करने का लक्ष्य रख रहे हैं. वैसे, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने जब इस बारे में केंद्र सरकार के दोनों मंत्रालयों से पुष्टि करना चाहा तो उनकी ओर से तत्काल ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला.
PMO से मंजूरी के बाद ही शुरू होगी जनगणना
सरकारी सूत्रों में से एक ने यह भी बताया कि जनगणना की प्रक्रिया को शुरू करने की अंतिम मंजूरी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से फिलहाल नहीं मिली है और उसी का इंतजार किया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की पिछले साल जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया फिलहाल दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है. 2023 में भारत इस मामले में चीन को पछाड़ते हुए नंबर-1 पर आ गया था.
देरी पर इकनॉमिस्ट भी कर चुके हैं केंद्र की निंदा
सरकार के भीतर और मार्केट/इंडस्ट्री के विभिन्न अर्थशास्त्री जनगणना को लेकर केंद्र की आलोचना कर चुके हैं. उनका मानना है कि इसमें देरी की वजह से अन्य स्टैटिस्टिकल सर्वे (इकनॉमिक डेटा, महंगाई और जॉब एस्टिमेट आदि शामिल) की गुणवत्ता पर असर पड़ता है. मौजूदा समय में जो भी अधिकतर डेटा सेट्स हमें देखने को मिलते हैं, वे पिछली जनगणना (2011 में हुई थी) के आधार पर ही हैं.