खाने पीने की चीजों पर भी ध्यान दें.
ज्यादा से ज्यादा सफाई रखें. डेंगू से बचाव का सबसे सबसे आसान और सही तरीका अपने दैनिक व्यवहार में स्वच्छता का पालन करना है.वहीं डेंगू से बचाव के लिए राज्य सरकार भी पानी जमे जगहों पर नियमित छिड़काव करवा रही है. आशा कार्यकर्ताओं को पानी वाली जगहों पर लार्वा की पहचान कर निरोधात्मक कार्यवाही करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है. अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड रिजर्व है. सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए बेड रिज़र्व किए गए हैं. दरअसल बरसात के मौसम में डेंगू का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. टेंपेरेचर में परिवर्तन और पानी जमने के वजह से डेंगू के मच्छर तेजी से पनपने लगते हैं. इसके वजह से ये बीमारी काफी ज्यादा तेजी से फैलती है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक डेंगू के मरीज की तबीयत अचानक से बिगड़ने लगती है. उनकी प्लेटलेट्स तेजी में गिरने लगती है. इसलिए जब भी किसी व्यक्ति को बुखार आए तो इन लक्षणों का खास ध्यान रखना है. इसके अलावा सिरदर्द, बदन दर्द, खांसी, गले में खराश, थकान और उलटी हो सकती है. साथ ही दांत या मसूढ़े से खून भी आने लगते हैं. अगर डेंगू है तो ये लक्षण काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं.