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बेतिया में पूर्व मुखिया हत्याकांड में 7 लोगों पर FIR, गुंडों ने मारी थी 19 गोलियां


संवाद 


बेतिया में बीते 5 अगस्त को हुए ठेकेदार और पूर्व मुखिया हत्याकांड में सात लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है. मृतक जितेंद्र सिंह को 19 गोली मारी गई थी, पुराने विवाद को लेकर ये कत्ल हुई थी. मुफस्सिल थानाध्यक्ष अभिराम सिंह ने बताया कि मृतक की पत्नी सीमा सिंह की शिकायत पर 7 लोगों को नामजद किया गया है. 
मृतक जितेंद्र सिंह की पत्नी सीमा सिंह ने पुलिस में दिए गए बयान में बताया है कि 5 अगस्त को उनके पति जितेंद्र सिंह अपने दोस्त कामेश्वर पांडेय के क्रिश्चियन क्वार्टर स्थित घर गए थे. वहां से अपने घर बानुछापर देवनगर लौट रहे थे. जैसे ही रेलवे स्टेशन के पूर्वी गुमटी से पहले पुरानी भट्टी के पास आए थे कि पहले से घात लगाए अभिषेक राय, आशुतोष राय, भवानी सिंह, कमलेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ केपी, अमित तिवारी उर्फ बाबा, विकास ठाकुर, संदीप पटेल ने मिलकर जितेंद्र सिंह के उपर अंधाधुन गोली चलानी प्रारंभ कर दी.जितेंद्र सिंह को 19 गोली मारी गई, वे लोग तब तक गोली चलाते रहे जब तक कि जितेंद्र सिंह की मृत्यु ना हो गई. मृतक जितेंद्र सिंह की पत्नी ने बताया है कि उनके पति जितेंद्र सिंह का अभिषेक राय से पुराना विवाद चल रहा था.

 साल 2002 में एक केस में उनके पति जितेंद्र सिंह गवाह थे,

 जिसमें अभिषेक राय के भाई आलिंद राय अभियुक्त था. साल 2021 में जितेंद्र सिंह के पुत्र अभिजीत उर्फ रिशु को भी ठेकेदारी विवाद में अभिषेक राय ने चाकू मारकर घायल कर दिया था.इसी केस की सुलह करने के लिए अभिषेक राय दबाव बना रहे था, लेकिन जितेंद्र सिंह ने सुलह नहीं की. सुलह करने के साथ ही साथ अभिषेक राय ने रंगदारी की मांग भी की थी. रंगदारी नहीं देने के वजह से जान से मारने की धमकी भी दी गई थी. उसके बाद 5 अगस्त को बेखौफ बदमाशों ने मझौलिया प्रखंड के महनागनी पंचायत के पूर्व मुखिया जितेंद्र सिंह को गोलियों से छलनि कर दिया.
बता दें कि घटनास्थल से महज 200 मीटर की दूरी पर बेतिया रेल थाना है. जबकि 800 मीटर की दुरी पर मृतक का घर है और घटनास्थल के आस-पास दुकान भी है. इस के बावजूद बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया और असानी से फरार हो गए. किसी को भनक तक नहीं लगी. राहगीर भी सड़क किनारे जख्मी अवस्था में जितेंद्र सिंह को देखकर आते जाते रहे, लेकिन किसी ने उनको अस्पताल तक नहीं पहुंचाया. स्थानीय लोगों ने बताया कि 19 गोली लगने के बाद भी जितेंद्र सिंह राहगीरों से पुलिस को जानकारी देने की गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने भी उनकी सहायता नहीं की, जिसके बाद वो खुद कुछ दूर तक चले और हिम्मत हार कर जमीन पर गिर पड़े. इसी बीच रास्ते से गुजर रहे एक बिजली ठेकेदार ने पुलिस को घटना की खबर दी. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच कर आनन-फानन में जितेंद्र सिंह को जीएमसीएच ले गई. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.


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