दीपक के शहीद होने की सूचना जैसे ही गांव में मिली तो लोग उनके घर आने लगे.
बताया जा रहा है कि शनिवार की रात में सेना कैंप में खबर मिली थी कि कोकेरनाग के जंगल में दो आतंकवादी छुपे हुए हैं. इस खबर पर दीपक कुछ और सेना के जवान के साथ सर्च ऑपरेशन में निकल गए.
आतंकवादियों को घेर कर सभी जवानों ने आक्रमण कर दिया. आतंकवादियों की तरफ से भी फायरिंग हुई. दोनों तरफ से चली गोली में बिहार के दीपक कुमार और हिमाचल प्रदेश के रहने वाले प्रवीण शर्मा आतंकवादियों की गोली के शिकार हो गए. इस मुठभेड़ में तीन अन्य सेना के जवान जख्मी भी हुए हैं. दीपक कुमार को पहली गोली लगी उसके बाद भी वह हार नहीं माने. वह आतंकवादियों से मुकाबला करते रहे. अंतत वह देश के लिए कुर्बान हो गए. बताया जाता है कि दीपक की 10 वर्ष पहले अनीता यादव से शादी हुई थी. एक 9 वर्ष का बेटा है. शहीद होने की सूचना के बाद लोग जवान के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि सोमवार (12 अगस्त) की शाम तक पार्थिव शरीर पहुंचेगा.