कहा गया कि प्रोग्राम के क्रम में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के महत्व पर जिक्र होगी. पूजन के बाद महाप्रसाद का वितरण होगा. 27 अगस्त को दोपहर 12 से 2 बजे तक मंदिर में प्रभुपाद आविर्भाव महोत्सव मनाया जाएगा. इसमें कई प्रमुख लोगों के मौजूद होने की संभावना है.वहीं दूसरी तरफ जन्माष्टमी को लेकर पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर में भी खास तैयारी की जा रही है. मंदिर के दूसरे तल पर बने धनुर्धर अर्जुन के सारथी बने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के समक्ष आज रात्रि 10 बजे से श्रीमदभागवत कथा पाठ प्रसंग शुरू होगा. 12 बजे आरती के साथ भगवान श्रीकृष्ण का पूजन होगा. इसके अलावा पटना के प्रसिद्ध गोरिया मठ राधे कृष्ण मंदिर में भी जन्माष्टमी को लेकर खास तैयारी की गई है. उधर जन्माष्टमी की तारीख को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी कि 26 अगस्त को होगा या 27 अगस्त को होगा. क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में आज 26 अगस्त को जन्मोत्सव मनाया जा रहा है जबकि वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में 27 अगस्त को जन्माष्टमी है. अयोध्या के मुख्य राम मंदिर में 27 अगस्त को जन्माष्टमी का पूरा प्रोग्राम है.
अयोध्या में ही प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में आज (26 अगस्त) जन्माष्टमी की तैयारी की गई है.
इस पर पटना महावीर मंदिर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बोला कि हमने विद्वान ब्राह्मण और ज्योतिषों से अपील की है कि हर साल अलग-अलग तिथियों पर त्यौहार के आयोजन से भक्तों के बीच असमंजस की स्थिति उत्पन्न होती है. इस दुविधा से निवारण के लिए कोई सर्वमान्य नीति बनाकर एक मानक तैयार करना चाहिए.
पटना के विद्वान ब्राह्मण अशोक कुमार पांडेय ने संशय पर बोला कि इस बार जन्माष्टमी 26 अगस्त को ही है. इसमें कोई समस्या नहीं है. सभी पंचांगों के अनुसार जन्माष्टमी का जो मुहूर्त होता है वह आज बीत रहा है. विष्णु पुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. आज (26 अगस्त) रोहिणी नक्षत्र रात्रि 9:10 बजे शुरू हो रहा है जो 27 अगस्त को 8:23 बजे रात्रि तक रहेगा. कुछ साधु संत और वैष्णव लोग कल (27 अगस्त) जन्माष्टमी मनाने की बात कर रहे हैं उनका तथ्य है कि जिस दिन सूर्योदय होता है वही दिन मान्य होता है. इस अनुकूल आज 26 अगस्त को सुबह 8:21 से अष्टमी का प्रवेश हो रहा और यह 27 अगस्त की सुबह 6:35 तक है. इसके बाद नौवीं तिथि का प्रवेश होगा. अष्टमी की उदयातिथि 27 अगस्त को है, लेकिन पूरा दिन और रात अष्टमी तिथि 26 अगस्त को बीत रहा है. इतना तक कि रोहिणी नक्षत्र भी 27 अगस्त को रात्रि 8:23 में ही खत्म हो जा रहा है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे हुआ था और ऐसे में रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त को है. ऐसे में आज के दिन ही जन्माष्टमी मनाना अति उत्तम है.