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कोलकाता दुष्कर्म-हत्या केस के विरोध में सड़क पर उतरे पटना एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स, बोला- 'मांग नहीं मानी गई तो...'


संवाद 


पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बीते शुक्रवार (9 अगस्त) को एक सरकारी अस्पताल से महिला ट्रेनी डॉक्टर की लाश मिलने के बाद से ही रेजिडेंट डॉक्टर्स का प्रदर्शन निरंतर जारी है. इसका प्रभाव राजधानी पटना में भी देखने को मिल रहा है. बुधवार (14 अगस्त) को पटना एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया. परिसर में विरोध मार्च निकाला. इस क्रम में उन्होंने अपनी कई मांगों को रखा.रेजिडेंट डॉक्टर्स की तरफ से ओपीडी सेवा बहिष्कार का आह्वान किया गया है. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई घटना को लेकर पटना एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों का बोलना है कि सीपीए (CPA) लागू हो. डॉक्टरों को सुरक्षा मिले. मृतक छात्रा के परिवार को मुआवजा मिले. घटना के बाद से हम लोग बहुत डरे हुए हैं. 

प्रदर्शन के क्रम में बोला कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार तुरंत फैसला ले. 

ओपीडी में दिखाने आ रहे मरीजों को परेशानी हो रही है हम समझ रहे हैं, लेकिन हम लोग के बारे में भी सोचा जाए. हमारी मांग नहीं मानी गई तो इमरजेंसी सेवा बहिष्कार पर विचार होगा.उधर ओपीडी सेवा ठप है जिसके चलते मरीज और उनके साथ आए परिजनों को परेशानी हो रही है. मरीज के साथ आए परिजनों का बोलना है अगर उपचार नहीं होगा तो अब हम लोग धरना देंगे. ओपीडी सेवा ठप रहने से परेशानी हो रही है. जान जा सकती है. जो घटना हुई है उसमें आरोपी पकड़ा गया. सीबीआई जांच शुरू हो गई है फिर क्यों डॉक्टर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं? बहुत दिन के बाद दिखाने के लिए हम लोगों का नंबर आया था. हालांकि डॉक्टर्स सुनने को तैयार नहीं हैं. समझा रहे हैं कि ओपीडी सेवा ठप है. घर चले जाइए. 


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