अमेरिका की बात नहीं करेंगे, रसिया की बात नहीं करेंगे.
केवल पाकिस्तान की बात करेंगे. नेपाल की भी बात करने की हिम्मत नहीं है."वहीं पप्पू यादव ने वक्फ बोर्ड को लेकर नीतीश कुमार को भी कटघरे में खड़ा किया. प्रश्न पूछते हुए बोला, "नीतीश जी क्यों चुप हैं? नीतीश कुमार तो सेक्युलर हैं इसमें दो मत नहीं है, लेकिन नीतीश कुमार जी की जो उम्र है, जो परिस्थितियां हैं, उसको मैं समझता हूं. नीतीश कुमार की व्यक्तिगत विश्वसनीयता थी लेकिन अब उनका आम लोगों के बीच जो विश्वास था वह निरंतर धूमिल होता जा रहा है."आगे पत्रकारों से बातचीत में बिहार की सियासत को लेकर पप्पू यादव ने नीतीश कुमार और तेजस्वी दोनों पर निशाना साधा तो वहीं दूसरी तरफ वह चिराग पासवान पर खुश नजर आए. उन्होंने बोला कि अभी वर्तमान में एससी-एसटी का मुद्दा कितना जरूरी है इस पर कोई चर्चा नहीं हो रही है. चिराग पासवान पुनर्विचार याचिका दायर करने जा रहे हैं जिसका समर्थन करते हुए उन्होंने बोला कि बिल्कुल करना चाहिए. बिहार में जो आरक्षण लाया गया था अत्यंत पिछड़ा ओबीसी के लिए था, लेकिन इन दोनों (नीतीश, तेजस्वी) की गलती के वजह से हाईकोर्ट ने रद्द किया है. सदन में, कैबिनेट में सही तरीके से नहीं लाया गया जिसके कारण से ओबीसी की जिंदगी अधर में पड़ी है. चाचा-भतीजा ने सही नहीं किया.